HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

विरता  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
1.देखो 'विरक्त' (रू.भे.)
  • उदा.--भील ही भगत थारै भला, कैयै नां मौजां करै। हमां सत कूकि विरता हुयै, येरै काजि अवतरै।--पी.ग्रं.
2.देखो 'बिरक्तता' (रू.भे.)
  • उदा.--1..हरीया हिरमच लायकै, बैठै विरकत होय। विरकत सोई जांणियै, विखै विरता सोय।--अनुभववांणी
  • उदा.--2..ऊपनुं केवलनांणु सांमीय ए नेमि जिणैसरह ए, सांभली सांमि वखांणु विरता ए सावयव्रतु धरइं ए।--सालिभद्र सूरि


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची