सं.पु.
सं.विष्टिव्रत
एक प्रकार का व्रत विशेष जिसमें मार्गशीर्ष शुक्ला चतुर्थी को इसका संकल्प कर विद्वान ब्राह्मण का पूजन करे तथा लोह, पाषाण या काष्ठ की मुद्रा बनवा कर अष्टदल आसन पर प्रतिष्ठित कर पूजन करे। इस व्रत को इन्द्र ने वृत्रासुर मारने हेतु, शिव ने त्रिपुरासुर का वध करने हेतु विष्णु ने पांचजन्य शखार्थ एवं वरुण ने विमानार्थ किया था।