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वेला
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.जन्म, जीवन।
उदा.--
ढोर माहि जीव घणउं दुख सहइ, चारि पांणी नवि
वेलां
लहइ। परवसि थ्या करमि घालइं घाटि, वहइं भार तै मारइं साटि।--वस्तिग
2.कष्ट, संकट।
उदा.--
आगइ नारी तणइ वियोग, कूबड देहि हऊड कुयोग।
वेला
पाडी मझ समकाल, उपगार नूं फल हवूं ततकाल।--नळदवदंती रास
रू.भे.
वेल्हा, वैळा, वैला।
3.देखो 'वेळ' (रू.भे.)
4.देखो 'वेळा' (रू.भे.)
उदा.--
1..वाल्हा किम आवुं तिहां रेलौ
वेला
विखमी जायरे सनेही। सुख चाहता जीव नइ रे लौ, मत को ई लागू थाय रे सनेही।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
उदा.--
जिकै पारस्व केरी करिस्यंति भक्ति, तिकै धन्य वारू मनुस्या प्रसक्तिम। भली
वेला
मया वीतरागा, खुसी मांहि भेट्या नमद्देव नागा।--स.कु.
उदा.--
3..संवरी स्रावक करइ पोसउ, आठ पुरहि गुरु मुखइ। उचरइ दंडक त्रिण्ह
वेला
, सांमाइक पणि तिणि रुखइ।--स.कु.
उदा.--
4..कूडै मन आदर करै तेह सजाई लीध, दासी नै सनकारि सिखांनी सगलौ सिधौ दीध। भोजन पांन सज़ाई करतां
वेला
कीध, बाधी रात पड़ी छै आकुल थाऔ म सीध।--ध.व.ग्रं.
उदा.--
5..इण बातै मोनै लाज कहावै, पुत्र थकां मां दुखणी थावै। हूं समझूं थांरै समझावै, बात कहौ
वेला
धनी थावै।--जयवांणी
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास
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