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संसार  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.
1.वह जगत या दुनिया, जिसमें प्राणी आते-जाते रहते हैं, मृत्युलोक (डिं.को.)
  • उदा.--1..जनहरीया संसार मैं, देख-पाखि मत भूल। तेरा सजन कौ नहीं, राम नांम सैं तूल।--अनुभववांणी
  • उदा.--2..संसार में वांणिया ही पैलांतर विगाड़णियां वडा माड़ा मांसण है। बोरा वांणिया तौ खोटा कलम कसाई हुवै है।--दसदोख
  • उदा.--3..म्है भगवांन रा गुण वतावां छज्ञं। संसार नै मोक्ष रौ मारग बतावां छां।--भि.द्र.
2.सांसारिक झंझट, प्रप्रच।
  • उदा.--1..जग अवतार नमौ जगदीसर, अनत रूप धारण तन ईसर। तवां ज हरि अवतार तुहारा, सदगत प्रांमै छुटै संसारा--ह.र.
  • उदा.--2..जन हरीया संसार की संगति करै न कोय। या संगति सुं उपजै, कळह कलपना दोय।--अनुभववांणी
3.माया जाल।
  • उदा.--संनेही संसार को, हरि जन सेती नांहि। हरीया मकड़ी जाळ ज्युं, मन बिध्या ता मांहि।--अनुभववांणी
4.सृष्टि, रचना।
  • उदा.--धरै इक पाप धरै इक च्रम्म, करै इक जीव करै इक क्रम्म सरज्जौ आप त्रिधा संसार, हुवौ मझ आप हो रम्मणहार।--ह.र.
5.आवागमन, भव-चक्र, पुनर्जन्म।
6.मार्ग, रास्ता।
7.घर-गृहस्थी और उसका जीवन।
  • उदा.--ओऊंकार ऊपरै, काठ चाढूं जळ कमळ। धरूं विसन रौ ध्यांन, लेऊ परवाह गंग जळ। वसूं जाय वनवास, हाड गाळूं हेमाळै। तापूं घूमर ताप, अगन झाळां ऊनाळै। परवार सहित छोडूं परौ, सारो नेह संसार रौ। यण हेह मिळै मोनूं अभंग, सेरसींग 'सरदार' रौ।--पहाड़खां आढौ
  • मुहावरा--1.संसार छोड़णौ=संन्यासी होना, मर जाना।
  • मुहावरा--2.संसार री हवा खांणी=सांसारिक व्यवहार में अनुभव प्राप्त करना।
  • मुहावरा--3.संसार री हवा लागणी=सांसारिक रंग चढ जाना, व्यवहार में चतुर होना, छली या धूर्त होना।
  • मुहावरा--4.संसार सू अंजळ ऊठणौ=मर जाना।
  • मुहावरा--5.संसार सू ऊठणौ=मर जाना, समाप्त होना।
  • मुहावरा--6.संसार सू नातौ तोड़णौ=वैराग्य धारण करना।
  • मुहावरा--7.संसारी व्हैणौ=गृहस्थ होना।
रू.भे.सिंसार, सैंसार। अल्पा;--संसारौ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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