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सकट  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.शकट
1.गाड़ी, छकड़ा। (डिं.को.)
  • उदा.--1..कोयक सकट कुसागड़ी, भार विसेस भरंत। धवळ पडप्पण आपरै, खांधै लै निबहंत।--बां.दा.
  • उदा.--2..कबो कहै छै--जिण दिन सूं धवळा धोरी रूपी वौ वीर पुरस मारीजियौ उदहीज दिन सूं अठारी आ धरती सूंनी होय गठ अनै सकट (गाडौ) क्रीतरा बोझ रौ भरियोड़ौ तथा वीरता रौ दातारगीरौ....। वी.स.टी.
  • उदा.--3..धर भार आराबां अरण-धज, बेलां हमलां बारणां। धुर भार सकट कट्ठठ धमळ, भार बांण भारथ रणां।--सू.प्र.2 रथ। (डि.नां.मा.)
  • उदा.--1..अठी बीरमदेव नूं जवनां रौ मारिया जांणि ग्रांम सेत्रावा हूं चलाइ राठोड़ गोगै बीरमदेवोत आपरा बापरा बाढणहार नूं बिसारि बिनाहंही अपराध भाजड़ मैं भीत सकट रै हेठै सपत्नीक सूता जोइया दला नूं जाइ हणियौ।--वं.भा.
  • उदा.--2..करनी मुख सूं यू कह्यौ, रख करंड सकट पर। करंडकियौ गिर मेर कह, ब्रह्माण्उ समोभर।--ठाकुर जुंझारसिंह मेड़तियौ
3.शकटासुर दैत्य का नाम जिसका श्रीकृष्ण ने वध किया था।
4.एक प्रकार का सैनिक व्यूह।
5.एक तौल विशेष। रू.भे.सकट्ठ, सगट, सग्गड।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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