HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

सत्यवती  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
वि.स्त्री.
1.पतिव्रता, सती।
2.सत्य का आचरण और पालन करने वाली। सं.स्त्री.--
1.शांतनु राजा की पत्नी जो चित्रांगद एवं विचित्रवीर्य की माता थी। वेदव्यास इसी के पुत्र ेि। इसे काली, मत्स्यगंधा, गंधवती, योजनगंधा, गंधमकाली आदि नामों से पुकारते हैं।
  • उदा.--1..इसीय वाचच गयणह पडी, तउ मइं लिद्ध कुमारि। सत्यवती नांमि हुसिए, संतणधर नारि।--सालिभद्र सूरि
  • उदा.--2..गाधि राजा की कन्या एवं जमदग्नि ऋृषि की माता जो विश्वामित्र की बहिन थी।
3.अगस्त्य पत्नी लोपमुद्रा का नामांतर।
4.सुबाहु राजा की पत्नी।
5.त्रिशंकु की पत्नी व हरिश्चन्द्र की माता केकय राजकुमारी।
6.एक प्राचीन नदी का नाम।
रू.भे.
सच्चवई, सत्तवती।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची