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सनकादक, सनकादि, सनकादिक  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.ब्रह्म के सनक आदि चार मानस पुत्र--सनक, सनंदन, सनातन और सनत्कुमार। (अ.मा.)
  • उदा.--1..सिरै इता अवसांणु, बहल मो बाधि भगवबळ। अय अरथ लै जाय, आय सनकादिक ऊजळ।--सु.प्र.
  • उदा.--2..कयौ बैकूंठ हूंता सु विमांण, अयौ सनकादिक लै अवसांण।--सू.प्र.
  • उदा.--3..सूक सनकादिक तेड़ौ जक्ष किंनर नै कहाबौ रे। देव दांणव सहु तेड़ौ मंडप भीतर आवचौ रे।--रुकमणी मंगळ


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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