सं.पु.
सं.समर:
1.युद्ध, संग्राम। (अ.मा; डिं.को; ह.नां.मा.)
- उदा.--1..सुतण दासरथ रूप लसवांन कौटक समर, समर जसवांन नृप सियासांमी। --र.ज.प्र.
- उदा.--2. सूर न पूछै टीपणौ, सुकन न देखै सूर। मरणां नूं मंगळ गिणै, समर चढ़ै मुख नूर--बां.दा.
- उदा.--3. सामंतां मौ'र चौधार यर साजतौ, समर बागौ बिनै पातसाही। मारबै राव तोखार वद मेलियौ, मार सारां गजां भार माही।--नाथौ सांदू
5.युद्ध-स्थल, रणभूमि।
- उदा.--सनमध साच संसार सुख, पलट आज अणथाह पर। वरन खट तणी तूटी वरत, सेर आज पड़ियौ समर।--पहाड़खां आढौ
6.भरतवंशीय राजा पृथुसैन के सौ पुत्रों में से एक पुत्र का नाम।
13.देखो 'स्मर' (रू.भे.) (अ.मा; ह.नां.मा.)
- उदा.--1..अलक डज्ञेर तिस चड़स वौ, निरमळ बिक निवांण। सींचै नित माळी समर प्रेम बाग पहचांण।--बां.दा.
- उदा.--2..सुतण दासरथ रूप लसवांन कौटक समर, समर जसवांन त्रप सियासांमी।--र.ज.प्र.