सं.स्त्री.
अ.शरह
1.किसी बात या वर्णन को स्पष्ट करने के लिए दी जाने वाली टीका, व्याख्या।
3.ऋृतु विशेष में उत्पन्न फलों का रसास्वादन। मि.सरा (2)।
4.मौसम, समय। ज्यूं--अबार होळां री सरह है।
5.स्थिर, अचल।
- उदा.--कौण स विनसै कौण सरह है, कौण अस्थांन मस उलटा जाय।--ह.पु.वां.
6.देखो 'सरभ' (रू.भे.) '.देखो 'सरेव' (रू.भे.)
8.देखो 'सरहद' (रू.भे.)
- उदा.--उगवण नुं खेत कंवळा उनवड़ी री सरह हळवा 50 धरती आछी, मोठ-बाजरी रा खेत छै।--नैणसी
9.देखो 'सुरभि' (रू.भे.)
- उदा.--मूक्यां नव नव परि सालणां, मूंक्यां सरहां घी अति घणां। मूंकी मांडी मुरकी सेब, मूंकी खीर खांड घ्रत हेव।--हीराणंद सूरि