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सरळ, सरल  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.सरल
1.बाल, केस। (अ.मा; ह.नां.मा.)
  • उदा.--1..सरळ सच्चिकण स्यांम कच, मुकता मंग्ग मझार। तरणि तनुजा मधि तसि, धसी सुरसरी धार।--विबक्स पाल्हावत
  • उदा.--2..अंग भळकै आरसी, सरळ करळ सारसी।--पनां
  • उदा.--3..ससि वदनी तौ सिर सरळ, मेचक केस म जांण। हिय कांम पावक हुवै, जास धुंआं मन जांण।--बां.दा.
2.चीड़ का वृक्ष।
3.एक प्रकार का पक्षी।
4.आग, अग्नि।
5.भाला।
  • उदा.--मेलियौ 'जसै' वळ दिली-दळमचकतां, प्रबळ भुज बळ सरळ तरळ पूगौ। धुब्बे मुगळ अकळ कांठळां सरल धर, अरळ साबळ भरळ करळ ऊगौ।--नाथौ सांदू
6.बिजली, विद्युत। वि.--
1.जो टेढा या वक्र न हो, सीधा।
2.तेज, तीव्र।
  • उदा.--1..सथ ऊठ नकीबां सरळसद्ध, रवि उदय आद सझिया रवद्ध।--रा.रू.
  • उदा.--2..नीसरयौ पटम सारै कुटम, करै साद सरळा तरणि। रुघनाथ साथ वांसै रह्यौ, अनाथनाथ असरणि सरणि।--सुरजनदास पूनियौं
3.सहज, आसान।
  • उदा.--सुपह छतीसी दूहड़ा, सुपहां तणां तीस। सरळ बणाया समझाचित, 'बांकै' बिसवाबीस।--बां.दा.
4.छल, कपट आदि से रहित सीधा, भला।
  • उदा.--1..सरळ तन सहज दन मुकत दायक सुमत, गजगमणी जांनकी भांम गुण ग्रांम है।--र.ज.प्र.
  • उदा.--परठीसि हवि पांचमा, अंग तणउ अधिकार। सरस अनइ सरला वचन, साप आपै सार।--मा.कां.प्र.
5.ईमानदार।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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