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सा, सा'  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.ईश्वर, परमेश्वर।
2.मित्र, दोस्त।
3.वर्ष, साल। (एका.)
4.स्वाद, जायका।
5.संगीत में षडज स्वर का सूचक शब्द या संक्षिप्त रूप। ज्यूं--सा, रे, ग, म, प। सं.स्त्री.--
6.स्त्री, औरत। (एका.)
7.रज, धूल। (एका.)
8.साली। (एका.)
9.लक्ष्मी, रमा। (एका.)
10.गुफा। (एका.)
11.टिड्डी। (एका.)
12.रेखा, पंक्ति। (एका.)
13.पार्वती। (एका.) वि.--
1.समान, तुल्य।
  • उदा.--1..गरु गारडु कोय मिळावै, मेरै तन की तपति बुझावै। सतगुर सा सम्रथ नहीं कोई, विसीया लहरि मिटावै सोई।--अनुभववांणी
  • उदा.--2..सतगुरु सोई जांणीयै, कहै कहावै रांम। हरीया गुरु गोविंद सा, और न कौ विसरांम।--अनुभववांणी
  • उदा.--3..अइयौ मौज जकां नुं आपै, साधां नै कविळास समापै। अनंत भगत तूं सा उधरिया, तुझ तणै ऊपरि सा तरिया।--पी.ग्रं.
2.अच्छा, भला।
  • उदा.--सा पुरसां संतोखियां, खाणां जवहर खांण। बेलां चित्रां बेलड़ी, पारस सयल पखांण।--बां.दा.
3.साथ। सर्व.स्त्री.--वह।
  • उदा.--1..ढाढी एक संदेसड़उ, प्रीतम कहिया जाइ। सा धण बळि कुइळा भई, भसम ढंढोळिसि आइ।--ढो.मा.
  • उदा.--2..पुनरपि पधरावी कन्है प्रांणपति, सहित लाज भय प्रीति सा। मुगतकेस त्रूटी मुगतावळि, कस छूटी छुद्रघंटिका।--वेलि.
  • उदा.--3..सा धण क्रुंझि बचाह ज्यउं, लंबी थई तुं कंध। चीतारंती सज्जाणां, नीहाळंती मग्ग।--ढो.मा.
1.समान, तुल्य, सदृश।
2.समान होने पर भी किसी प्रकार की थोड़ी न्यूनता या हीनता का भाव सूचित करने के लिए।
  • उदा.--परभात बाहर आया सौ उदास सा रह्या। झाली तौ नां दांतण, ना सिनांन कीवी, न जीमी। रात घड़ी च्यार गयां समुद्र आयौ। तद झाली खींवसीजी नुं बोलाया।----कुंवरसी सांखला री वारता ज्यूं बौ मेला सा कपड़ा पेर्‌यां ऊबौ हौ। बाळदिय कन्है तौ मड़ा सा बळद व्है।
3.किसी अनिश्चित मात्रा या मान पर जोर देने के लिए। ज्यूं--थोड़ा सा बोर दीज्यौ, थोड़ा सा आदमी आया।
4.देखो 'साहिब' (रू.भे.)
5.देखो 'साह' (रू.भे.)
  • उदा.--सुज तेज देखि सधीर, अड़ियौ न कोय अमीर। सझि तांम अजण सलाह, सा' थियौ दौलासाह।--सू.प्र.
रू.भे.
स्या।
अव्यय
एक सम्बन्ध-सूचक अव्यय जिसका प्रयोग कहीं क्रिया विशेषण की तरह और कहीं विशेषण की तरह नीचे लिखे आशय या भाव सूचित करने के लिए होता है :--


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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