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सांड  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.षण्ड
1.वह बछड़ा जो नस्ल सुधार करने के उद्देश्य से बिना खसी रखा गया हो। (उ.र.)
  • उदा.--वाह वाह बारठजी भली कही। मन री लही। हुकम किआ। जांगड़िअै वडा राग माहै दूहा दिआ। परिजाऊ दूहा। वेगड़ा सांड धवळ रा दूहा। अेकलगिड़ वाराह रा दूहा।--र.वचनिका
2.वह बछड़ा जो हिंदुओं में सिकी मृतक की स्मृति में गुरुड़ पुराण की समाप्ति पर दाग (चिन्हित) कर यों ही छोड़ दिया जाता है। वृषोत्सर्ग वाला बैल।
  • उदा.--समुद्रखारउ, बाउल कंटालउ, सरप कालउ, वाउ वायणउ, जन बौलणउ, सुणह भसवणउ, ससउ नासणउ, रांणउ लेणउ, स्व्ी स्वभाव लाडणउ, सांड त्राडणउ, कुमित्र फाडणउ, दुरजन दुस्ट, स्वजन सिस्ट, आगि गाती, धाहु राती।----व.सं.पुर्याय. आंकल, जैगड़ौं, तरण, नौपत, मदक।
  • मुहावरा--1.सांड सौ कोस जाय तोई आंक धणी रौ=मालिक की वस्तु मालिक से कितनी ही दूर क्यों न हो उसका सम्बन्ध नहीं मिटता है।
  • मुहावरा--2.सांड किसा गोरां मैं रेवै=शूरवीर छिपे नहीं रहते।
  • मुहावरा--3.सांडां री लड़ाई में बांटा रा खोगाळ--शक्तिशाली या समर्थ व्यक्तियों के झगड़ों में गरीबों का नुकशान होता है।
  • मुहावरा--4.ताडूकौ क्यूं कै सांड हां, पोठा क्यूं करौ कै गउ रा जाया हां=थोथी डींगे हांकने वालों के प्रति व्यंगात्मक कथन।
3.वह घोड़ा जो नस्ल-सुधार के लिए रखा जाता ह। वि.--
1.हष्टपुष्ट, मोटाताजा।
  • उदा.--सांडा ज्यूं अै साधड़ा, भांडां ज्यूं कर भेस। रांडां मैं रोता फिरै, लाज न आवै लेस।--ऊ.का.
2.वीर, बहादुर।
  • उदा.--सांड सीमाड़ जग जेठ ऊंचासिरौ, आवळै थाटि 'दूदा' उजाळौ। वळा सौ ऊजळा वेध वीठळ' हारै, करै ऊगै संमा मेळ कराळौ।--वनमालीदास रौ गीत
3.उन्मत्त, पागल।
  • उदा.--वेद न सुणियौ विमळ, खेद पाई तन खोयौ। सांड हुय रह्यौ सदा, रांड रांड हि कर रोयौ। न्याय न जांणै नितुर, निलज जांणी नहिं नीती। निज नारी व्रत नेम, युगड आंणी नहिं रीती।--ऊ.का.
4.बलवान, शक्तिशाली। (डिं.को.)
5.शिव-वाहन, नंदी।
6.देखो 'सांढ' (रू.भे.)
  • उदा.--सांड्‌यां रै भाई जलदी सांड पिलांण बेग पधारां रांणी सीकरी रे देसमैं जी म्हारा राज।--लो.गी.
7.देखो 'सांडौ' (मह; रू.भे.)
रू.भे.
संड। अल्पा;--सांडियौ, सांढियौ, सांढीउ, सांढीयौ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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