सं.पु.
सं.सायुज्यं
1.पांच प्रकार की मुक्तियों में से एक प्रकार की मुक्ति या मोक्ष। इसमें जीवात्मा का परमात्मा में लीना माना जाता है।
- उदा.--सालोक्य संगति रहै, सांमीप्य सन्मुख सोइ। सारूप सारीखा भया, सायुज्य एकै होइ।--दादूबांणी
2.किसी में इस प्रकार मिलने की क्रिया कि भेद न रहे।
रू.भे.
साजज, साजुज्य, साजोजमुकत, साजोजमुकति, साजोजमुक्त, साजोजमुक्ति, साजोजमुगत, साजोजमुगति।