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सिंहल, सिंहलदिव, सिंहलदीप, सिंहलद्वीप  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
भारत के दक्षिण में स्थित एक प्राचीन जनपद या द्वीप जो मतान्तर से आधुनिक लंका ही माना जाता है।
  • उदा.--1..सिंहलदिव-उ हार, वावर कूलनी गजवडि.....।--व.स.
  • उदा.--2..सिंहल देस मैं गांधरव सेन नांव रौ राजा हौ। गांधरवसेन री फूटरी-फररी कंवरी पदमणी रै हीरांमण नांव रौ मिठ्ठू हौ जिकौ अेकर उड गयौ।--चितरांम
रू.भे.
संघल, संघलद्वीप, संघलि, संघलिदीप, संघलिद्वीप, संघली, संघलीदीप, संघलीद्वीप, सिंगल, सिंगलदीप, सिंगलद्वीप, सिंघलदीप, स्यंघल, स्यंघलदीप, स्यंघलद्वीप।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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