सं.स्त्री.
सं.सुगंध:
1.अच्छी और प्रिय गंध, महक़, खुशबू।
- उदा.--1..मोनूं सुगंध सोनूं मिळ्या, बळिहारी इण बात री। साखात सकति 'इंदर' सुणैं, महिमा 'करनळ' मात री।--मे.म.
- उदा.--2..नाहर जौ गाजिस नहीं, ऐ जग बहता ईख। सर सर कमळ सुगंध री, भमर न मांगिस भीख।--बां.दा.
6.गंधेज़ नामक घास, गन्ध-तृण।
17.देखो 'सुगंधित' (रू.भे.)
- उदा.--व्रक्ष बल्ली का परस तै सुगंध हुऔ। लतां कां मन मांहै संकोच छै।--वेलि.टी.
रू.भे.
सुगंध, सुंगण, सुंगधि, सुगंधउ, सुगंधी, सूगंध।
पर्याय.--कसबोय, गंध, डमर, बगर, बास, बासना, बासावळी, महक़।