सं.स्त्री.
सं.सुप्रिय
1.नारियल की जाति का एक वृक्ष जिसकी ऊंचाई चालीस से सौ फुट तक की होती है।
2.उक्त पेड़ का फल जो 1.5 या 2 इंच का गोलाकार व अण्डाकार होता है। इनको काटकर पान में डालकर खाया जाता है।
- उदा.--पान-सुपारी चाट, हाट रा ओगण हेटा। मेळा-डोळां डोळ, फिरण फागड़दां फेटा।--नारी सईकड़ौ
3.इसी जाति का अन्य प्रकार का पेड़ व उसका फल जिसको काटकर भोजन के बाद मुख-शुद्धि के लिए खाया जाता है। यह अत्यन्त स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होता है। यह औषध में भी काम आता है। चिकनी सुपारी। पर्याय.--क्रमुक, गूवाब, पूग।
- उदा.--ना होकौ ना चिलम, पांन-बीड़ी न सुपारी। ना सुलफौ ना भांग, कदै ना वणै जुवारी।--नारी सईकड़ौ
4.सुपारी के आकार का पुरुष-लिगेन्द्रिय का अग्रभाग। (अमरत)