सं.पु.
1.छप्पय छन्द का 48वाँ भेद जिसमें 23 गुरु, 106 लघु से 129 वर्ण तथा 152 मात्राएँ होती है। (र.ज.प्र.)
2.कौस्तुभमणि।
- उदा.--विमळांनन विबुधेस विहारी, संख चक्र धारी सुमण। भव तारण भूधर भय भंजण, हिरणगरभ त्रय ताप हण।--र.ज.प्र.
3.देखो 'सुमन' (रू.भे.)
- उदा.--बरण रंभ क्रत सुमण वरखण, मिटण दुख ग्रह बंधण मोखण।--सू.प्र.