सं.स्त्री.
सं.सैरन्ध्री
1.द्रौपदी का वह नाम जो उसने अज्ञातवास के समय रखा था।
- उदा.--सैरंध्रि बांधी इम खल वोलइ, गंधरव देवा तुम्ह कौ न तोलइ, चूकी अछइ तउ तुम्हि मइ म राखि।--सालिसूरि
2.दूसरे के घर में रहने वाली स्वाधीन शिल्पकारिणी स्त्री।
3.अन्तःपुर में काम करने वाली दासी, जिसकी उत्पत्ति वर्णसंकर जाति विशेष में हुई हो।
4.दासी, सेरिका, परिचारिका।