सं.पु.
सं.स्वछंदः
1.कार्तिकेय या स्कंद का एक नाम। सं.स्त्री.--
2.अपनी इच्छा या मर्जी। वि.[सं.स्वछंद]
1.मनमाना काम करने वाला, मनमौजी।
2.किसी अंकुश, नियंत्रण या मर्यादा का ध्यान न रखते हुए अपनी इच्छानुसार आचरण करने वाला।
3.भयरहित, निर्भय।
- उदा.--रही स्वछंद रैत तव राजस, सुभ अमंद सुखियारी। आणंद कंद एक दम उठग्यौ, 'तखत' नंद अवतारी।--ऊ.का.
1.अपनी इच्चानुसार, अपनी मर्जी से।
- उदा.--स्वछंद कियौ निज कांम सोर, उडि गयौ चंद्र की बांम ओर। उपमा कवि ऊमर दै अमोल, ततकाळ समय टंकार तोल।--ऊ.का.
2.बिना किसी भय, विचार या संकोच के।