सं.पु.
सं.
एक प्रकार का मांगलिक चिह्न जो मांगलिक अवसरों पर भवनादि में अंकित किया जाता है।
2.सखिया जैसा सामुद्रिक चिह्न जो प्राय हथेली या पैर में होता है एवं शुभ माना जाता है। (सामुद्रिक)
3.एक प्रकार का शुभ द्रव्य जो विवाहादि के समय भिगोये हुए चावलों को पीसकर बनाया जाता है।
5.एक विशेष प्रकार का राजप्रासाद।
8.एक प्राचीनकालीन यंत्र जो शरीर में गड़े हुए शल्य आदि निकालेन के काम आता था।
9.सांप के फन पर की नीली रेखा।
10.एक विशेष प्रकार का मकान जिसके पश्चिम व पूर्व की ओर दो दालान हों।
15.जैनियों के 88 ग्रहों में से 58 वां ग्रह।
रू.भे.
सठिक, सखियौ, सतियौ, सथियौ, साकियौ, साखियौ, साख्यौ, साथियौ, स्वस्ति।