सं.स्त्री.
सं.अस्थाई
1.गाँव के मध्य का वह स्थान या जगह जहाँ गाँव के व्यक्ति फुरसत में बैठकर इधर-उधर की बातें करते हैं, बैठक, चौपाल।
- उदा.--1..रात रा हथाई में इण बात री ईज चरचा छिड़गी।--फुलवाड़ी
- उदा.--2..भरी हथाइयां बैठा बाईसा रा बाप, कागदियौ दीधौ वांरै हाथ।--लो.गी.
- उदा.--3..जसवंतजी चांग गया। आगै मेर मांणस 300 तथा 400 हथाई बैठा था।--राव मालदेव री बात
2.वार्तालाप, बातचीत, गपशप।
- उदा.--1..रात री हथाई ठाकरां रै जमांनै री जुगती वण रैयी ही।--दसदोख
- उदा.--2..वगत वटावा हेत, खेत किरसांणां तांई। वन मैं पसवा प्रेम, हमीरां ग्रांम हथाई।--दसदेव
- उदा.--3..सैल सपाटां नार, नहीं नर होड हथाई। पुर पुरखां री पांत, जुड़ गिणै जांमी भाई।--नारी सईकड़ौ
क्रि.प्र.--करणी, जुड़णी, बैठणी, बैसणी, होणी।