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हिम्मत  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
अ.
1.साहस, हौसला, उत्साह, जोश।
  • उदा.--1..मूळी भूजी-बळै। पेमजी धूजै-ठळै। ओपरी अर उलाड़ी ताबै नीं आवै। पेमजी दबग्यौ, कैणै री हिम्मत नहीं पड़ै। मूळी सिर चढगी।--दसदोख
  • उदा.--2..ईरांण वतन हिम्मत अथाह, सिर विलंद तुज्जा सिरखा सिपाह। सांमहौ न हालै ग्रह सार, भूम रौ न झालै सेस भार।--विड़द सिंणगार
2.बल, शौर्य, पराक्रम।
  • उदा.--1..झगड़ौ अबकै जबरौ चेत्यौ, अलेखां चीणी कीड़ियां रै ज्यूं आंपणी कांकड़ माथै चढनै आया है। आपणां जवांन हिम्मत अर बा'दरी सूं बांरै मुकाबला मैं अड़ियोड़ा है।--अमरचूंनड़ी
  • उदा.--2..मांमौ-भांणैज दोन्यूं डील रा सैतांन अर छाती रा बज्जार। काळजौ इसौ कै दोन्यूं मिळनै हजारां मिनखां रौ सांमनौ करण री हिम्मत राखै।--अमरचूंनड़ी
3.कठिन व दुस्साद्य कार्यों के लिये रक्खी जाने वाली मानसिक दृढ़ता।
  • उदा.--म्हारी चिंता नैं म्हूं सहन कर सकूं हूं, पण टाबरियां रा दुख नै सहन करणौ म्हारै हिम्मत रै आगै री बात है।--अमरचूंनड़ी
रू.भे.
हिमत, हींमत, हीमत, हीमत्त।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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