सं.स्त्री.
अ.
1.साहस, हौसला, उत्साह, जोश।
- उदा.--1..मूळी भूजी-बळै। पेमजी धूजै-ठळै। ओपरी अर उलाड़ी ताबै नीं आवै। पेमजी दबग्यौ, कैणै री हिम्मत नहीं पड़ै। मूळी सिर चढगी।--दसदोख
- उदा.--2..ईरांण वतन हिम्मत अथाह, सिर विलंद तुज्जा सिरखा सिपाह। सांमहौ न हालै ग्रह सार, भूम रौ न झालै सेस भार।--विड़द सिंणगार
2.बल, शौर्य, पराक्रम।
- उदा.--1..झगड़ौ अबकै जबरौ चेत्यौ, अलेखां चीणी कीड़ियां रै ज्यूं आंपणी कांकड़ माथै चढनै आया है। आपणां जवांन हिम्मत अर बा'दरी सूं बांरै मुकाबला मैं अड़ियोड़ा है।--अमरचूंनड़ी
- उदा.--2..मांमौ-भांणैज दोन्यूं डील रा सैतांन अर छाती रा बज्जार। काळजौ इसौ कै दोन्यूं मिळनै हजारां मिनखां रौ सांमनौ करण री हिम्मत राखै।--अमरचूंनड़ी
3.कठिन व दुस्साद्य कार्यों के लिये रक्खी जाने वाली मानसिक दृढ़ता।
- उदा.--म्हारी चिंता नैं म्हूं सहन कर सकूं हूं, पण टाबरियां रा दुख नै सहन करणौ म्हारै हिम्मत रै आगै री बात है।--अमरचूंनड़ी
रू.भे.
हिमत, हींमत, हीमत, हीमत्त।