सं.पु.
अ.हुक्म
1.राज्य या शासन की ओर से जारी की जाने वाली किसी प्रकार की राज्याज्ञा जिसका पालन करना अनिवार्य हो आदेश, फरमान। (अ.मा., डिं.को., ह.नां.मा.)
- उदा.--स्री सूरसिंघजी साहायबां कंवरजी स्री गजसिंघजी नै हुकम दीयौ कै पातसाह सलांमत आया नै जाळोर सांचोर इनायत कीया है सु थै सारौ साथ लै जाळोर जाईजौ।--नैणसी
2.किसी कार्य विशेष या व्यक्ति विशेष के लिये दिया जाने वाला आदेश।
- उदा.--1..वै दोन्यूं जणा तौ आज बजार कांनी गयौड़ा है, कुण जांणै पाछा करैं बावड़ै अर आपनैं तौ हुकम परवांणै तुरत किलै पूगणौ चाहिजै।--अमरचूंनड़ी
- उदा.--2..जुधवार सुत अगजीत रौ, रिण खळां आंतक रीत रौ दिसि अस्ट स्रीमुख हुकम दाखवि मोरचै फुरमांण।--रा.रू.
- उदा.--3..पाय हुकम पागड़ै पाव दीधौ छत्रपत्ती। भैरव दोनौं भेजि सकति तेड़ी त्रिसकत्ती।--मे.म.
- उदा.--4..लंगर मैं बैठ'र जीमै, कतार मैं बासण मांजै, नूंवा डरता रैवै वोदां रौ भौ भाजै। अफसर रै हुकमां हालै जकौ मौज सूं मालै।--दसदोख
- उदा.--5..सैलां-सिकारां रौ दुवौ हुवौ छै, भाई अमराव साहणियां नै हुकम हुवौ छै।--रा.सा.सं.
4.अधिकार, शासन।
- उदा.--1..हुकम हासल सारौ रांणी रौ। मुंहडा आगै मुत्सद्दी बैठ सारौ कांम करै।--गौड़ गोपालदास री वारता
- उदा.--2..कींरा ही बांण चालै, कीरां ही हुकम हालै! कोई घूस दाबै, कोई ल्हाज सूं ढाबै।--दसदोख
5.स्वीकृति, अनुमति, इजाजत।
- उदा.--जद ब्राह्मण वाबेचा नैं जाय कहयौः बापूजी पांच रुपइया रौ हुकम कियौ है।--भि.द्र.
10.बड़ों का या गुरुजनों का वचन जिसका पालन करना कर्त्तव्य होता है।
- उदा.--रुरां मैं आयां तौ आथण ही पीरां री धोक--ध्यावना कर परा'र सोवूंली जै सदा दांई सपनै मैं आया तौ आपरी सारी वात वूझ नाखूंली। जिसौ हुकम देवैला बिसौ ही आपनै भुगता देवूंली।--दसदोख
11.बड़े व्यक्ति की बात के उत्तर में बोला जाने वाला आदरयुक्त शब्द। यथा--हाँ जी, जी, हुकम आदि।
- उदा.--ठाकरां फरमायौ--गुलाब री मा नै कैः दिया--हूं खुद (ठाकर) सिंझ्या वेळा धूप दीप कर परा'र चडावौ-परसाद लियां आरैयौ हूं। जोत करावूंला, कळस मंडावूंला। दोनूं वां हुकम सूं हंकारौ दियौ अर ढाढ्यां रै घर रौ गैलौ लियौ।--दसदोख
12.किसी पर चलाया जाने वाला व्यर्थ का रौब।
- उदा.--मूळी सिर चढगी हुकम ओढावै अर घर रौ कांम करावै है।--दसदोख
रू.भे.
हुकमांण, हुकमेण, हुकमौ, हुकम्म, हुकम्मा, हुक्म।