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हुजूर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
अ.
1.बादशाह, सम्राट।
2.हाकिम, न्यायाधीश।
3.बादशाह, राजा या हकिम का दरबार, कचहरी, सभा।
4.ईश्वर, मालिक।
5.सेरा, टहल, बंदगी, नौकरी।
6.उपस्तिति, हाजिरी।
7.मौजूदगी, विद्यमानता।
8.राज्य, शासन।
9.बड़े लोगों को सम्बोधन करने का एक आदर सूचक शब्द। क्रि.वि.--
1.सेवा में, नौकरी में, चाकरी में, हाजिरी में।
2.सामने, समक्ष।
3.दरबार में, कचहरी में।
  • उदा.--उज्जौण नगर महाराज वीर विक्रमादित्य राज करै। उण रै हुजूर एक कळावंत आइयौ। तीं कै साथ एक परम रूपवती स्त्री अर एक पुरुस थौ।--सिंघासण बत्तीसी
रू.भे.
हजुर, हजूर, हजूरिय, हजूरियौ, हजूरी, हिजूर।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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