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हेटे, हेठै
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
देखो 'हेटै' (रू.भे.)
उदा.--
1..वरसै नूं रायपाल कह्यौ--'तूं घरै जा। सांवण री तीज छै।' ताहरां वरसै कह्यौ--'आपणौ जावौ तरवारियां
हेठै
छै।--वरसै तिलोकसी री बात
उदा.--
2..दिनैं ऊंचा रहै। रात्रि
हेटै
दुकांन मैं वखांण देवै, परखदा घणी होवै।--भि.द्र.
उदा.--
3..देवळी रा तळाव वांसै बाहळौ छै। तिण परै खेड़ौ छै। सीं.दुरगा रौ बसायौ। खेत देवळीयां सै खड़ीजै छै, नै लाडपुरा
हेठे
खेत आया छै।--नैणसी
उदा.--
4..राव जोधै धरती लेनै कुंवर वीदै नूं दीधी हुती। सु आज धरती वीदैजी रा पोत्रां वीदावतां
हेठै
छै।--नैणसी
उदा.--
5..दक्खिण मैं साह रै तथा इण रा तीजा कुपुत्र रै साथ केही जुद्ध जीति केही पुर, दुरग दाबि पचहत्तरि लाख 750000 रौ मुलक दिल्ली
हेठै
पटकियौ।--वं.भा.
उदा.--
6..आय नै उतरियौ हौ ढोला अखीवड़ रै
हेठै
। मेहड़लौ बूठौ हौ म्हारा गाढां मारू हीरां मोतीयां रे।--लो.गी.
नोट:
पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।
राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास
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