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हेळा, हेला  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.इला, हेला
1.पृथ्वी, धरती, भूमि। (नां.मा.)
  • उदा.--1..सबळ दळ आस्ट्रिया विलोमां साझतां, वाजतां त्रांबगळ कहर वेळां। 'पतौ' ईडरपती ढिलीवै पखायत, हुवौ दळ छत्रियां छत्र हेळां।--जुगतीदांन देथौ
  • उदा.--2..सबल दांन बहुमांन कणय कब्बाहि समप्पइ, हेळा हयवर कोडि जोडि मग्गण थिर थप्पइ।--व.स.
2.तरंग, लहर, उमंग।
  • उदा.--1..हेळा 'अगथी' सिंध ज्यूं एकै आच हूंत हीलोळिया, धीस खगां एकै ज्यूं बौळिया नाग धींग। सुरांपत्ती एकै वज्र रौळिया पहाड़ सारां, सारां खळां ऊतौळिया एकै चांदसींग।--हुकमीचंद खिड़ियौ
  • उदा.--2..हेळा उदार अंगज हुवौ, रुद्रदत्त सिवदत्त रै।--वं.भा.
3.क्रीड़ा, खेल।
  • उदा.--राज तिहां परिपालए, टालए वयर विवाद। हेलां परदल नांमए पांमए रणि जयवाद।--प्राचीन फागु-संग्रह
4.नायक से मिलते समय नायिका की विनोद सूचक प्रेमपूर्ण क्रीड़ा की मुद्रा।
5.दुख।
  • उदा.--सूकी सेवण री हेळा उरहाई, मैंदी देवण री बेळा मुरझाई। खावण रूणैं धन ऊणौ मन खूणैं, धांमण तांमण बिन जांमण सिर धूणैं।--ऊ.का.
6.चिल्लाहट, हल्ला।
7.चढ़ाई।
8.धावा, हमला, आक्रमण।
9.डांट-फटकार।
10.कठिनाई।
11.हीन भावना, तिरस्कार, अपमान।
12.सरलता, भोलापन।
  • उदा.--हेला तउ महेस्वर तणी, स्रस्टि ब्रह्मा तणी, प्रग्या व्रहस्पति तणी, प्रतिग्या फरुसरांम तणी, मरयादा समुद्र तणी, दांन बलि तणउं, अवस्टंभ मेरुतणउ.....।--व.स.
  • उदा.--1..सारंग चाप चडाविय डाविय बाहु नइ प्रांणि। हरि हेला ही डोलिय तोलिय तसु बलु प्रांणि।--जयसेखर सूरि
  • उदा.--2..तुरंगमि चडिउ, लोकि तरवरिउ, सत्तरि सहस्स गुजरातनु धणी, जुनुगढ चांपांनेर प्रमुख विसमगढ लीधा, मन वंछित काज हेलां सीधा, सघला राजा आंण मनाव्या.....।--व.स.
1.दानी, दातार।
  • उदा.--1..देरावत लिछमण जग दाता, हेळा 'करण' खिताब हुवौ। भिड़जां भड़ां चारणां भाटां, मुंहगा वरतणहार मुवौ।--बां.दा.
  • उदा.--2..हेला भगवांन भोज क्रन हातां, दांन करण कव हरण दुख। छत्रधर कवर आंन नह छाजै, राज कंवार जवांन रुख।--जवांनजी आढौ
2.काम का पाबन्द।
3.मैला उठाने वाला।
क्रि.वि.
सरलता से, सुगमता से, आसानी से, सहज ही।
वि.--


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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