सं.पु.
सं.धूस=कांति करणे
1.धातु का बना हुआ एक प्रकार का बड़ा नगाड़ा जिसे केवल एक डंडे से बजाया जाता है।
- उदा.--धूंसौ बाजौ ओ महाराजा थांरी मारवाड़ में धूंसौ बाजै ओ।
3.नगाड़े पर होने वाला प्रहार.
4.नगाड़े को बजाने का लकड़ी का बना उपकरण.
7.एक प्रकार का ओढ़ने का ऊनी वस्त्र.वि.वि.--यह प्राय: काली ऊंन का बना हुआ होता है और किनारियें लाल होती हैं। यह रेशम का भी बनाया जाता है।
रू.भे.
धांसौ, धुस्सौ, धौंसर, धौंसौ। मह.--धांस, धूंस, धूस।
विशेष विवरण:-यह नक्कारखाने में अन्य वाद्यों के साथ ताल को नियमित करने का काम करता है। इसको लकड़ी की चौखटी पर रखा जाता है और खड़े खड़े बजाया जात है। इसका घोष बहुत गहरा व दूर तक जाने वाला होता है।