सं.पु.
सं.पुराण:
1.श्वास, श्वास-प्रश्वास, सांस।
2.हृदय में रहने वाला वायु, प्राण वायु। (अमरत)
- उदा.--हर हर करतौ हरख कर, आळब म कर, अयांण। जिण पांणी सूं पिंड रच, पवन बिलग्गौ प्रांण।--ह.र.
3.शरीर की वह हवा जिसके बल पर वह जीवित कहलाता है, जीवनीय शक्ति।
- उदा.--1..गात संवारण में गमे, ऊमर काय अजांण। आखर-प्रांण प्रमूक औ, खाख हुसी मळ खांण।--बां.दा.
- उदा.--2..जाया रजपूतांणियां, बीरत दीधी वेह। प्रांण दियै पांणी पुणग, जावा न दियै जेह।--बां.दा.
- मुहावरा--1.प्रांण आणौ--घबराहट या भय कम होना, चित्त कुछ ठिकाने होना, होस हवास ठीक होना, चैन पड़ना।
- मुहावरा--2.प्रांण उडणा--बहुत घबराहट होना, हक्का-बक्का होना, होस हवास जाता रहना, मरना, अवसान होना।
- मुहावरा--3.प्रांण कंठ में आणौ, प्रांण कंठ में होणौ--मरणासन्न होना।
- मुहावरा--4.प्रांण खाणौ--बहुत तंग करना, बहुत सताना, बहुत कष्ट देना।
- मुहावरा--5.प्रांण गमणा--मरना, अवसान होना।
- मुहावरा--6.प्रांण गमाणौ--देखो 'प्रांण दैणौ।'
- मुहावरा--7.प्रांण गळै आणौ, प्राण गळै में आणौ--देखो 'प्रांण मुंडै आणौ।'
- मुहावरा--8.प्रांण घालणौ--जीवन दान देना, जीवित सा बनाना, जीवन संचार करना।
- मुहावरा--9.प्रांण छूटणौ--मरना, अवसान होना।
- मुहावरा--10.प्रांण छोडणौ--मर जाना, मरना।
- मुहावरा--11.प्रांण छोडाणौ--जान छुड़ाना, पीछा छुड़ाना।
- मुहावरा--12.प्रांण जाणौ--मर जाना, मोहित होना।
- मुहावरा--13.प्रांण डाळणौ--देखो 'प्रांण घालणौ'।
- मुहावरा--14.प्रांण तजणौ--देखो 'प्रांण छोडणौ।
- मुहावरा--15.प्रांण त्यागणौ--देखो 'प्रांण छोडणौ'।
- मुहावरा--16.प्रांण दैणौ--बहुत प्यार करना, अधिक चाहना, मर जाना।
- मुहावरा--17.प्रांण निकळणौ--मर जाना, मरना।
- मुहावरा--18.प्रांण निकाळणौ--मार देना, मारना।
- मुहावरा--19.प्रांण पंखेरू उडणौ--मर जाना, अवसान होना।
- मुहावरा--20.प्रांण पयांण करणौ--देखो 'प्रांण पंखेरू उडणौ।'
- मुहावरा--21.प्रांण बचणौ--जीवित रहना, बच जाना।
- मुहावरा--22.प्रांण बचाणौ--पीछा छोड़ाना, जीवित रह जाना।
- मुहावरा--23.प्रांण मुंडै आणौ--देखो 'प्रांण कंठ में आंणौ।'
- मुहावरा--24.प्रांण मूठी में राखणौ--देखो 'प्रांण हथाळी में राखणौ।'
- मुहावरा--25.प्रांण में प्रांण आणौ--भय दूर होना, होस हवास आना।
- मुहावरा--26.प्रांण राखणौ--मौत से बचना।
- मुहावरा--27.प्रांण लैणौ--मार डालना।
- मुहावरा--28.प्रांण लेनै भागणौ--जान बचाकर भाग जाना, जैसे तैसे पीछा छुड़ाकर भाग जाना, बच निकलना।
- मुहावरा--29.प्रांण हथाळी में राखणौ--मृत्यु के लिये तैयार रहना।
- मुहावरा--30.प्रांण हरणौ--देखो 'प्रांण लैणौ'।
- मुहावरा--31.प्रांण हारणौ--पंचतत्त्व में मिलना।
- मुहावरा--32.प्रांणां पर आ पड़णी--जान जोखम में होना, खतरे में पड़ना।
- मुहावरा--33.प्रांणां पर बाजी खेलणी--जीवन को खतरे में डालना।
- मुहावरा--34.प्रांणां पर बीतणी--जीवन संकट में पड़ना, जान जोखिम में होना।
- मुहावरा--35.प्रांणां री बाजी लगाणी--सर्वस्व न्योछावर कर देना, बलिदान होना।
- मुहावरा--36.प्रांणां रौ संचार होणौ--मरणासन्न प्रांणी का जीवित होना, जान में जान आना।
- मुहावरा--37.प्रांणा सूं खेलणौ--मृत्यु की परवाह न करना।
- मुहावरा--38.प्रांणा सूं हाथ धोवणा--मर जाना।
4.बल, शक्ति, पौरुष।
- उदा.--उदियाभांण प्रांण अणमायौ, औ किर हद न जवन सिर आयौ।--रा.रू.
- उदा.--2..बाजराज त्रत बेब, करै नटराज तणी कळ। गजांराज घण गरज, गाज सुरराज मदग्गळ। रूप भूप रतिराज, प्रांण म्रगराज प्रकासण। कौरवराज धन करण, विमळ सुरराज विलासण।
- उदा.--3..पछै यां विचारियौ--म्हांसूं धरती छूटी। सबळी ठौड़ आंणी। नै म्हांरै प्रांण तौ धरती वळण री नहीं है।--नैणसी
- मुहावरा--प्रांण पण सूं जूटणौ--पूर्ण बल सहित कार्य में जुट जाना।
6.जीव या आत्मा।
- उदा.--एक दिन राजा रै अरथ कोई तपस्वीन महारसायण रौ निदांन एक अपूरब स्वादु फळ दीधौ। सो राजा नै आप रा प्रांण रौ औसध अनंगसेना जांणि अवरोध जाइ रांणी रै अरथ निवेदन कीधौ।--वं.भा.
7.प्राण के समान प्रिय कोई व्यक्ति या पदार्थ।
17.प्रयाण।
- उदा.--दिल भरि दिल फेर कहि, स्युं तेह नौ अहिनांण। सांयात्रिक जन मारिवा तुं गयौ करि नै प्रांण।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
18.पांच की संख्या।* (डिं.को.)
19.दस की संख्या।* (डिं.को.)
20.देखो 'प्रांणी' (रू.भे.)
- उदा.--करे कूच इतकाद, साह दरगाह सपत्तौ। गुदरायौ घर गुंझ, महासुख सुंझ सुमत्तौ। पिण भावी अति प्रबळ, सकळ बस प्रांण असेखा। हुअणहार सिध करै, वार न धरै विध रेखा।--रा.रू.
यौ.
प्रांणअधार, प्रांणाधार, प्रांणनाथ, प्रांणपति, प्रांणप्रिय।
अल्पा.
प्रांणिय, प्रांणियउ, प्रांणियौ।