सं.स्त्री.
सं.रम्यति, प्रा.रम्मति
1.क्रीड़ा, खेल।
- उदा.--1..पित मौ बाधौ पाळणै, रांमत रिझवारै। इस रांमण सुणि अंगदह, खळ वायक खारै।--सू.प्र.
- उदा.--2..कूंत आहावतौ ढाहतौ केवियां, त्रजड़ रांमत रमें कमंध त्यारा। 'गजण' रै नांखियां बाज मचती गहण, 'सूर' हर आभरण पूर सारा।--गु.रू.बं.
3.हंसी, मजाक, ठिठोली।
- उदा.--1..मारवणी जांणियौ औ तौ और पंथी छै। मीमां मो सुं रांमत करै छै।--ढो.मा.
- उदा.--2..सु पहली तो आ बात अदावत री हुई थी, तरै तौ सारां ही जांणियौ थौ--ए साळा बैहनेइ थकां रांमत करै छै। नै आ वात रायसिंघ हालतां कही तरै तौ सारै ही जांणियौ--जु आ वात साची हुई। कोई उपाव उपद्रव हुईसी।--नैणसी
- उदा.--3..दळ करण नूं राजपूतां निराठ मन्हा कियौ जे बडा सरदार असी कोई कहै नहीं छै। कूड़ी सू तौ रांमत मसकरी सांची सूं गाळ छै।--भाटी सुंदरदास वीकूंपुरी री वारता
4.अभिनय, नाटक।
- उदा.--1..लुगाई री जूंण बिना रखवाळण कंवरांणी, महारांणी अर गूजरी री आ रांमत कुण रमतौ।--फुलवाड़ी
- उदा.--2..मां इण रांमत सूं तौ म्हारौ जीव साफ फाटग्यौ। थारै आगै म्हारौ बस नीं चालै, नींतर म्हैं तौ कदैई न्हाय छूटती। कांई लुगाई रौ जलम फगत इण रांमत सारू ई व्हियौ है।--फुलवाड़ी
- उदा.--3..आवै जाय अपार, ग्रीधां पळ भरि भरि गळां। किर नटवाळां गोटका, विचरै रांमत वार।--रा.रू.
5.तमाशा, खेल।
- उदा.--1..अर गांव मांहैं रावळिया रांमत रमता हुआ। सींधळां रौ साथ रमत देखण नूं गयौ हुंतौ।--नैणसी
- उदा.--2..तुम बैठे रांमत लखौं, नह बेवत पर--पीर। मो बाहर कीजै मही, भले भले रघुवीर।--गजउद्धार
7.चौपड़ आदि का खेल, द्यूत क्रीड़ा।
- उदा.--रांमत चौपड़ राज री, है धिक वार हजार। धण सूंपी लूंठां धकै, धरमराज धिरकार।--रांमनाथ कवियौ,
रू.भे.
रमत, रम्मत, रांमति, रांमती।