सं.पु.
सं.वृत्रासुर
त्वष्टा का पुत्र एक राक्षस जो देवराज इन्द्र के द्वारा मारा गया था। वि.वि.--इसकी माता का नाम दानु था। यह पूर्वजन्म में पाण्डय देश का राजा चित्रकेतु था जो सम्पूर्ण विद्याधरों का राजा था, किन्तु पार्वती के शाप के कारण असुरयोनि में जन्म लिया। एक बार इन्द्र ने विश्वरूपा नामक ब्राह्मण को मार डाला। अत: उसके पिता त्वष्टा ने इन्द्र से बदला लेने वाले पुत्र की प्राप्ति हेतु यज्ञ में आहूतियां दी एवं इसे उत्पन्न किया। इसके आतंक से भयभीत होकर इन्द्र, गन्धर्व, किन्नर आदि भगवान् विष्णु की शरण में गये। विष्णु की राय से इन्द्र ने दधीचि ऋषि की हड्डियों (जो कि नारायण कवच मंत्राभ्यास के कारण अत्यधिक बलवान् हो गई थी) से वज्र बनाकर उसी वज्र से इसका वध किया।
रू.भे.
ब्रेतौ, वित्रा, वित्रासुर, वेत्रासुर, वैत्रासुर, व्रतासुर, व्रत्तासुर, व्रत्र।